भारतीय रिजर्व बैंक के 26 में गवर्नर नियुक्त हुए राजस्व सचिव Sanjay Malhotra । 1990 बैच के राजस्थान केडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा शक्तिकांत दास की जगह लेने जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है।
Revenue secretary Sanjay Malhotra Education;-
सरकार ने कहा है कि वह बुधवार से 3 साल के लिए गवर्नर का कार्यभार संभालेंगे.उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक तथा अमेरिका के प्रेसिडेंट विश्वविद्यालय से सार्वजनिक नीति से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है
Revenue secretary Sanjay Malhotra 33 years career;-
33 वर्षों से अधिक के करियर में श्री Sanjay Malhotra ने बिजली विभाग वित्त एवं कराधान विभाग सूचना प्रौद्योगिकी खान आदि सहित कई क्षेत्र में काम किया है राजस्व सचिव नियुक्त होने से पहले वित्तीय सेवा विभाग में सचिव थे
श्री Sanjay Malhotra का कार्यालय कमरा नंबर 128 ए नॉर्थ ब्लॉक नई दिल्ली में स्थित है उनके संपर्क नंबर। 23092653 or 23092111 हैं
आरबीआई का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद श्री दास ने बाजार को विश्वास दिलाया जो अधिशेष स्थानांतरण के मुद्दे पर आरबीआई और सरकार के बीच टकराव के बीच श्री पटेल के अचानक स्थिति से हिल गया था
सरकार की पसंद Sanjay Malhotra
Sanjay Malhotra के पास वित्त से जुड़े कामकाज को संभालने का लंबा तजुर्बा है। रिजर्व बैंक का कामकाज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स देखते हैं। मल्होत्रा के पास इसका भी अनुभव है। वह काफी समय से रेवेन्यू सेक्रेटरी का पद संभाल रहे हैं। उनके काम करने के तरीके को पीएम नरेंद्र मोदी भी काफी पसंद करते हैं। यही वजह है कि मल्होत्रा अब आरबीआई गवर्नर के पद पर नियुक्त हुए हैं।
इसे भी पढ़ें ;-
Whatsapp Fees : अब देने होंगे पैसे, लाइसेंस भी लेना होगा , व्हाट्सएप ग्रुप के लिए एडमिन को फीस
RBI गवर्नर में से 13 IAS अफसर
रिजर्व बैंक में अब तक कुल 26 गवर्नर हुए हैं। इनमें से 13 IAS अफसर हैं। उन्होंने वित्त सचिव के रूप में काम करने से पहले वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला। Sanjay Malhotra के पास राज्य और केंद्र सरकार, दोनों स्तरों पर फाइनेंस और टैक्सेशन में विशेषज्ञता हासिल है।
Sanjay Malhotra ऐसे समय में आरबीआई गवर्नर बनेंगे, जब केंद्रीय बैंक के सामने चुनौतियों की भरमार है। RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है, क्यों जीडीपी ग्रोथ सितंबर तिमाही में सात-तिमाही के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई। डॉलर के मुकाबले रुपया भी लगातार कमजोर हो रहा है। खुदरा महंगाई ने भी नाक में दम कर रखा है।