दिवाली
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पुलिबर ने कनाडा में दिवाली मनाने से किया माना इस बहन के बाद वह हिंदू समुदाय के निशाने पर आ गए हैं क्योंकि हिंदू समुदाय इस फैसले से बहुत निराशा है और हताश महसूस कर रहे हैं, यह कार्यक्रम ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया कनाडा आयोजित करती है
क्यू रद्द हुआ दिवाली कार्यक्रम,
कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव के कारण कार्यक्रम रद्द किया गया है उनका कहना है कि भारतीय राजनेता कनाडा में खालीस्तान समर्थक आंदोलन के सदस्यों की निगरानी में शामिल थे और 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हर दीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट शामिल थे । इसी वजह से तनाव पैदा हो गया और अक्टूबर के बीच में छह कनाडाई नेताओं को भारत से बाहर कर दिया गया भारत ने अपने उच्चायुक्त और राजनेताओं को भी वापस बुला लिया है इन आरोपों को विदेश मंत्रालय ने बार-बार बताया है कई हिंदू समुदाय के नेताओं ने आरोप लगाया है की दिवाली कार्यक्रम से हटाने का पुलिवारे का फैसला भारत के भारतीय मूल के कनाडा लोगों के खिलाफ बाहरी होने को दर्शाता है।
यह कार्यक्रम कनाडा में 30 अक्टूबर को कंजरवेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था ।
o f i c के अध्यक्ष शिव भास्कर ने एक चिट्ठी लिखकर कार्यक्रम के रद्द होने पर निराशा जताई है उन्होंने लिखा मैं बहुत निराशा और दुख के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं, ताकि संसद भवन में 24 में दिवाली समारोह के रद्द होने पर अपनी निराशा जाता सकूं,,, इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नेताओं का शामिल न होना विशेष रूप से ऐसे नाजुक समय में नेताओं ने इस समारोह से खुद को अलग करके जानबूझकर या अनजाने में इस संदेश दिया है कि हम भारतीय मूल के कनाडा के नागरिक होने के नाते इस राष्ट्र का पूर्ण रूप से हिस्सा नहीं है कि कि भारत के साथ हमारे पूर्वजों के संबंधों के कारण हम किसी तरह काम करें आई है लोगों को एक स्पष्ट संदेश देता है कि हमें कनाडा के साथियों के रूप में नहीं बल्कि बाहरी लोगों के रूप में देखा जा रहा है जो किसी तरह से उसे देश के राजनेता कार्रवाई से जुड़े हुए हैं जिसके साथ हम में से कई लोगों के बस भारतीय होने के संबंध है लेकिन कोई सीधा संबंध नहीं है यह कार्यक्रम दिवाली का सम्मान करने के लिए एक खुशी का अवसर था फिर भी नेताओं के अचानक वापस चले जाने से हमें धोखा और और अन्याय के साथ अलग-अलग महसूस हो रहा है
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कनाडा में हिंदू शेख बौद्ध और जैन जिनकी संख्या लगभग ढाई लाख है और तेजी से बड़ा है समुदाय हैं जिन्होंने विज्ञान से लेकर शिक्षा तक सभी क्षेत्रों में योगदान दिया है समुदाय के बीच आपसी सम्मान ही कनाडा को मजबूत बनाता है लेकिन ऐसा लगता है कि जब इन समुदायों की बात आती है तो सीपीसी नेतृत्व इस सिद्धांत का पालन नहीं करता है हिंदू ,सिख ,बोध और जैन के लिए उन फेसलों के खिलाफ एकजुट होना जरूरी है जो हमारी संस्कृति और मान्यताओं का सम्मान नहीं करते हैं
भारतीय समुदाय ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुडे के प्रतिनिधि से माफी की मांग की है
भारी विरोध के बाद आईओएफसी के कार्यालय में कार्यक्रम रद्द करने के लिए माफी मांगी और 23 नवंबर को एक और समारोह आयोजित करने की घोषणा की यह कार्यक्रम नेपियन में सीडर हिल गोल्फ एंड कंट्री क्लब में होगा,
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