- Monsoon Diet: सावन का प्रिय मास शुरू हो चुका है सावन का नाम सुनते ही प्रकृति की सुंदरता आंखों के सामने आ जाती है। तन-मन रिमझिम-रिमझिम फुहारों से झूम उठता है । बारिश और तेज हवाएं हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं और हमारे इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करती हैं मानसून के समय हमारे शरीर में काफी संक्रमण होने की संभावना होती है । इसके लिए हमें अपने खानपान पर बेहद ध्यान रखना चाहिए। बारिश के मौसम में किन्हे करें अपने Monsoon Diet डाइट में शामिल, किन चीजों से होता है नुकसान . भविष्य पुराण में बताया गया है, अपने शरीर को रोगों से मुक्त रखना भी मानव धर्म है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति ही समाज और धर्म को उन्नति के मार्ग पर ले जा सकता है।
अधिकमास या मलमास की वजह से इस बार २०२३ में सावन दो माह का होने वाला है। यह 4 जुलाई से शुरू हो चुका है और 31 अगस्त तक रहेगा। साथ ही इस बार सावन के सोमवार की संख्या भी बढ़कर आठ हो गई ह
- मानसून में हमारे इम्यून सिस्टम को बनाए रखने के लिए हमें अपनी डाइट को बनाना चाहिए। इसमें अदरक लहसुन नींबू आदि को जरूर शामिल करना चाहिए और इसके अलावा ताजे फल फ्रेश जूस पीना चाहिए आइए हम अपने Monsoon Diet प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।
हरी सब्जियों से दूरी बनाएं
- साग और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन सावन के महीने में इन्हें खाने से शरीर को नुकसान होता है। मानसून या बारिश के मौसम में हमें पालक, मेथी ,बैंगन, सरसों ,भतुआ, गोभी ,पत्ता गोभी जैसी पत्तेदार सब्जियों से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस समय में कीड़े मकोड़े बैक्टीरिया वायरस पनपते हैं। इनके सेवन से हमारा पेट खराब हो जाता है।
डेयरी प्रोडक्ट से बचें
- बारिश के मौसम में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। Monsoon Diet में हमें दूध, दही, पनीर, छाछ, दही से संबंधित चीजें जैसे कढ़ी, रायता आदि खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह चीजें आसानी से डाइजेस्ट नहीं होती सावन मास में इन चीजों का सेवन करना कई बीमारियों को दावत देता है। और कब्ज जैसी बड़ी समस्याएं उत्पन्न में होती हैं।
फ़ास्टफूड से बनाएं दूरी
- बारिश के महीने में हमें बाहर के खाद्य पदार्थ जैसे टिक्की गोलगप्पे चार्ट पकोड़े समोसे ,बर्गर ,मोमो अन्य चीजें नहीं खानी चाहिए। यह चीजें हमारे शरीर में पेट के लिए परेशानियां पैदा करती हैं। इसके अलावा हमें ऑइली और स्पाइसी फूड खाने से भी दूरी बनानी चाहिए।
धार्मिक मान्यता
- आर्युवेद के अनुसार, सावन मास में दूध या दही से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कच्चे दूध का सेवन करने से भी बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है कि सावन मास में भगवान शिव को कच्चा दूध अर्पित किया जाता है इसलिए इस मास में कच्चा दूध व इससे संबंधित चीजों का सेवन करना वर्जित है। कढ़ी बनाने के लिए दही का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए सावन मास में कढ़ी या दूध, दही से संबंधित चीजों का खाना वर्जित बताया गया है।
डाइट में करें शामिल
- मानसून में हमें अपना अलग Monsoon Diet डाइट प्लान बनाना चाहिए। जिसमें हमें ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जो हमारे सेहत का ख्याल रखें।
- Monsoon Diet फलों में सेब, केला, आम और जामुन खाने चाहिए | सब्जियों में करेला, नीम, लौकी, हल्दी ,मेथी ,राय सरसों, काली मिर्च, लौंग ,अदरक, तुरई और टमाटर आदि को हमें अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। यह हमारे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालते हैं वह हमें संक्रमण से बचाते हैं। घर का ताजा बना खाएं और अधिक से अधिक पानी पिए।
- Monsoon Diet में विटामिन को अवशोषित करने और हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए भी यह आवश्यक है कि हमें काजू, मूंगफली ,बादाम, पीनट बटर, ड्राई फ्रूट् आदि का सेवन करना चाहिए।